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एक लड़की

एक लड़की

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एक लड़की थी अलबेली,

जा रही थी अकेली।

वो थी इस बात से अंजान,

कि रास्ते में बैठे हैं शैतान।


वो बनाना चाहते थे उसको

शिकार,

जो करेगा उसके सपनों

पर विकार।

जनता की आँखों में होना

चाहिऐ था रोष,

पर निकाला सबने लड़की

का ही दोष।


उन शैतानों का खून ही था गंदा,

लगना चाहिए उनके गले में

फाँसी का फंदा।

देर से सही मिला लड़की के

सपनों को पंख,

और समाज ने बजा दिया दानव

के अंत का शंख।



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