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Mehrin Ahmad

Inspirational

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Mehrin Ahmad

Inspirational

एक खत खुद को,65 साल की उम्र मे

एक खत खुद को,65 साल की उम्र मे

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अब तुम पैंसठ साल की हो,

ज़िन्दगी की आखरी मोड़ पे हो,

कितनी खुशनसीब हो कि अब तक हयात में हो।


हर ख्वाइशों को पूरी करो जो अधूरी रह गई हों,

तुमने सबका ख्याल रखा,

अब अपनी सेहत का ख्याल रखना,

अगर दवाओं के सहारे नहीं जीना।


अपने हमसफ़र को ऐसे देखो,

जैसे तुमने पहली बार आंखों में चमक लिए उसे देखा था।

हर रोज़ अपनी चाहत का इजहार करना,

जैसे पहली मुलाकात पर किया था।


चेहरे पे झुर्रियों और सफ़ेद बालों के साथ,

आइने में इस तरह देखना

जैसे तुमने सोलह साल में चेहरे पे मुस्कान लिए देखा था।


अफसोस में वक़्त जाया ना करो,

जियो,हंसो और खुश रहो,

यही तो असास - ए - ज़िन्दगी है।


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