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RAJKUMARI DAYAMENTI DEVI

Abstract

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RAJKUMARI DAYAMENTI DEVI

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एक जासूस और भगवान का बुलावा

एक जासूस और भगवान का बुलावा

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एक जासूस कॉलेज के दोस्तों के बीच आये दोस्तों ने जासूस को अपनाया और मुझे ठुकरा दिया ll

एक जासूस रिश्तेदार के बीच आये और रिश्तेदार ने जासूस को अपनाया और मुझे ठुकर दिया ll

एक जासूस मेरे बचपन के सारे सहेलियों के बीच आये सहेलियों ने जासूस को अपनाया और मुझे ठुकरा दिया ll

मेरा गाँव मेरा नहीं रहा बस जासूस का गांव बनगया ll

मै कानून के पास गयी कानून ने भी जासूस को अपनाया और मुझे अनसुनी करके ठुकरा दिया ll

मैंने सरकार तक पहुँचने की कोशिश की सरकार ने पहले से ही जासूस को अपना लिया था और मुझे नज़रंदाज़ करके ठुकरा दिया ll

मैने पत्रकारों को बताना चाह रही थी मगर जासूस तो पत्रकारों का पक्का अज़ीज़ दोस्त निकला 

जासूस के साथ मिल ज़ुलके आपना पत्रकारों का सफर मज़े से आगे की और चला रहीं थी और ठुकराना तो लाज़मी था ll

कोई बचा नहीं बात बताने के लिए अब मैं किसीके पास नहीं गयी बस चुप चाप होगई मै ll

अब तो भगवान को भी कोई एतराज़ नहीं किसी को भी आपने पास बुलाने में ll

सब एक जैसे हो गए अब तो कोई भी भगवान को कोश्ने के लायक नहीं रहा ll

अब तो भगवान भी संतुष्ट हो गये ll

अब तो भगवान ने भी अनेक रूप धारण कर लिया और किसी को भी आपने पास बुलालिया ll

किसी को भी कोई शिकयत नहीं भगवान का बुलावा है न चेतावनी न सबूत l



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