एक गुलाब मेरा भी था
एक गुलाब मेरा भी था
तेरी किताबो में छिपा हुआ एक मुरझाया हुआ सा गुलाब हमारा ही है,
जिसको रखा था तुमने संभालकर अपनी जान से अजीज़ डायरी में,
दूर ही सही हम जुदा जुदा ही सही दिल मे आज भी बसते है,
सुबह हो या शाम रात हो दोपहर कभी पल भर के लिए भूलते नही,
प्यार हमारा कोई फूलो का मोहताज नही,
प्यार करने वालो के लिए हर दिन रोज डे और वैलेंटाइन डे है,
एक दिन प्यार का मनाने से प्यार कोई बढ़ता नहीं,
सच्चा प्यार ऐसे सब चोचलों का मोहताज नही होता ।

