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Ravi Shah Innocent

Abstract

4.5  

Ravi Shah Innocent

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एक दिन सब ठीक हो जाएगा

एक दिन सब ठीक हो जाएगा

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एक दिन सब ठीक हो जाएगा

हाँ एक दिन सब ठीक हो जाएगा।


यह ताला बंदी भी ठीक होगी

यह बीमारी भी ख़त्म होगी

माना सफ़र थोड़ा कठिन है  

पर पार भी इसके जाना होगा

हाँ एक दिन सब ठीक हो जाएगा।


यह समय है कौन भला

इसे रोक सका जहां में

सब्र रख लिया है हमने  

विश्वास ये दिलाना होगा

हाँएक दिन सब ठीक हो जाएगा।


यूँ होकर मजबूर तुम

अब अधीर मत होना

आज मानव कल्याण के लिए

मानव को ही रुकना होगा

हाँ एक दिन सब ठीक हो जाएगा।


यह अमावस की रात भी

हर रात-सी गुजर जाएगी

पूनम की चाँदनी को

फिर से लौटकर आना होगा

हाँ एक दिन सब ठीक हो जाएगा।


माना समय का यह

काल सबको निगल रहा है

पर तुम हार मत मानो

यूँ हो कर चिंतित

जब तक साँस है तब तक

आस को जीवित रखना होगा

हाँ एक दिन सब ठीक हो जाएगा।


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