एहसान का दरिया
एहसान का दरिया
एहसान करके मैंने बहा दिए दरिया में यूँ,
कि भूल जाऊँ उनकी खुशी का ज़रिया मैं हूँ,
पर उसी खुशी के नशे में वो बहा गए मुझे उस नदिया में,
के बहकर मीलों दूर, मैं जगा उसी दरिया में!
एहसान करके मैंने बहा दिए दरिया में यूँ,
कि भूल जाऊँ उनकी खुशी का ज़रिया मैं हूँ,
पर उसी खुशी के नशे में वो बहा गए मुझे उस नदिया में,
के बहकर मीलों दूर, मैं जगा उसी दरिया में!