ए वतन
ए वतन
अए वतन तू कितना प्यारा है
तेरे नक़्शे को को मैंने अपने दिल में उतारा है
तेरी ख़ूबसूरती में अब डूब जाना है
तेरी वादियों में अब गुम हो जाना है
तेरे दर्द को अपने दिल में बसाना है
तुझपे आने वाले हर आँच को रेशम बनाना है
तेरी हिफाज़त की खातिर सब से लड़ जाना है
तेरे सर पे सजे ताज को बचाना है
अपने खून से तुझे सजाना है
सरहदों पे लड़ते हुए अमर हो जाना है
ए वतन तू कितना प्यारा है
तेरे नक़्शे को मैंने अपने दिल में उतारा है।