ए ध्वज ये नमन
ए ध्वज ये नमन
ये नमन ए ध्वज, तुझको हमारा।
फक्र हमें है शहीदों ने तुझको,
किया है गवारा।
ए ध्वज हम सब हैं,तेरे मगन में।
खुशी हमें है कितनी, तू रहे गगन में।
नजर आए तू ऐसे,जैसे अम्बर में सितारा।
ए ध्वज ये नमन, तुझको हमारा।
क्या झुकाएगा तुझको कोई, सुख-दुख
जिसने तेरे संग बांटे हो।
हर कदम है तेरे लिए, राहों में
चाहे कांटे हो।
बंजर मिट्टी में फूल खिला देते हैं,
ऐसे हम हम हैं दीवाने।
बुरी नजर जो देखे तुझको धूल
चटा देते हैं, ऐसे हम हैं परवाने।
कदमों में तेरे सर झुकाए खड़ा है
भारत ये सारा।
ए ध्वज ये नमन, तुझको हमारा।
फक्र हमें है शहीदों ने तुझको,
किया है गवारा।
कभी आपसे हम, होंगे न खफा।
याद हमको है, शहीदों की वफा।
तेरे हिफाज़त की हमको,
मिली है रजा।
तू लहराता रहे, बस ये ही है फिज़ा।
समुंदर थी शहीदों की हिम्मत,
तू है किनारा।
ए ध्वज ये नमन,तुझको हमारा।
फक्र हमें है शहीदों ने तुझको,
किया है गवारा।
माँ के बराबर ए ध्वज, तेरा है रुतबा।
एक तुम हो दूजी ये धरती मां।
हम तेरे हैं रक्षक,तू हमारा है जुगनू।
मर मिटेंगे तेरे लिए,जैसे मिटा था
लैला पे मजनू।
जब-जब हुआ धरती माँ पे सितम,
माँ ने बेटों को पुकारा।
ए ध्वज ये नमन, तुझको हमारा।
फक्र हमें है शहीदों ने तुझको,
किया है गवारा।
तुझपे फिदा ये जिंदगी, तू है धरोहर।
हम कायल हैं तेरे,तू है मनोहर।
कभी ख़तम न होगा, हमारे जनून
का सरोवर।
हर वक़्त आपके लिए,प्राण
हमारे निछावर।
तू चमकता रहे,बस ये ही है नजारा।
ए ध्वज ये नमन, तुझको हमारा।
फक्र हमें है शहीदों ने तुझको,
किया है गवारा।
कम न हो कभी, तेरी कशिश।
तेरे चरणों में रहे, हमेशा ये शीश।
कभी होने न देंगे, हुक़ूमत की गर्दिश।
तेरे संग रहेंगे हम, बनकर आतिश।
हर हिन्दुस्तानी का ये तिरंगा है,
जीने का सहारा।
ए ध्वज ये नमन,तुझको हमारा।
फक्र हमें है शहीदों ने तुझको,
किया है गवारा।