दुनिया
दुनिया
अपनी निगाह हुस्न पे आयी नहीं कभी,
सस्ती शराब मुंह से लगायी नहीं कभी.!
उस शहर में तो खूब उड़ाया गया धुआं,
पर उस गली में ख़ाक उड़ाई नहीं कभी.!
दुनिया से हम किसी भी तरह रखे क्यों गिला,
दुनिया हमारे बीच में आयी नहीं कभी..!
