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AVINASH KUMAR

Romance

4  

AVINASH KUMAR

Romance

दुनिया की हैरानी है

दुनिया की हैरानी है

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दुनिया की हैरानी हूँ,

ज़िन्दा रह कर फ़ानी हूँ।


तू सागर बन कर ख़ुश रह,

मैं एक कुएं का पानी हूँ।


ज़िन्दा हैं किरदार मेरे,

मुर्दा मगर कहानी हूँ।


 चाहे आसमान पर हूँ,

दरिया रेगिस्तानी हूँ।


उसके कई चाहने वाले हैं,

मैं भी एक चाहने वाला हूँ।


कटा हुआ सर नेज़े पर,

करबल की क़ुर्बानी हूँ।


हूँ फ़क़ीर मैं आदत से,

फ़ितरत से सुल्तानी हूँ।


जज़्बातों की जिंदा निशानी हूं

सदियों तक चाहने वाला हूँ


मौसम बदले हर मौसम में

मैं ना बदलने वाला हूँ


चाहा है बस तुझको 

चाहूंगा बस तुमको

तू गर हुआ किसी का

इंतजार करूंगा जन्मों तक


आएगा तू एक दिन मिलने

दिल में बस उम्मीद यही है

तू दूर है ये मैं जानता हूं

दिल कहता बस तू यहीं है।   


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