Rajan Patekar
Abstract
कुछ इस कदर दीवाने
दिल ने चाहा है ‘ग़ालिब’ !
खुद टूटकर भी उसकी
सलामती की दुआ मांगी है !
उम्मीद
बर्फीली पहाड़...
तलब
बारिश
मुसाफिर
बंजारा
सुकून
अगर
कुछ पल ख़ुद क...
कोरोना - जनता...
लोग कहते माँ मुझे पर मैं बड़ी असहाय हूँ॥ लोग कहते माँ मुझे पर मैं बड़ी असहाय हूँ॥
शृंगार बालों का हुआ है, झूलती है चोटियाँ। चकले थिरक जाते खुशी से, बेलती जब बेटियाँ। शृंगार बालों का हुआ है, झूलती है चोटियाँ। चकले थिरक जाते खुशी से, बेलती जब बे...
उधम सिंह फोटो काटकर, जेब में ली सरका। राम मोहम्मद सिंह आजाद, बाजू पे खुनवा। उधम सिंह फोटो काटकर, जेब में ली सरका। राम मोहम्मद सिंह आजाद, बाजू पे खुनवा।
गुप्त आत्मालाप से जाग्रत हो उठती है, आत्म अनुभूतियाँ। गुप्त आत्मालाप से जाग्रत हो उठती है, आत्म अनुभूतियाँ।
सूरज की किरणों से आज, स्वयं नग्न जल जाऊं मैं सूरज की किरणों से आज, स्वयं नग्न जल जाऊं मैं
चलो दिवाली का एक नया रूप हम दिखाते हैं, दिवाली ऐसी भी होती आप सबको बताते हैं। चलो दिवाली का एक नया रूप हम दिखाते हैं, दिवाली ऐसी भी होती आप सबको बताते हैं।
पल-पल रखते उनका ध्यान, एक दूजे पर छिड़के जान।। पल-पल रखते उनका ध्यान, एक दूजे पर छिड़के जान।।
थम सी जाती ज़िन्दगी और समय चक्र मुस्कुराता कहीं थम सी जाती ज़िन्दगी और समय चक्र मुस्कुराता कहीं
हमने अंग्रेज़ी में सोचना सीख लिया है, पर हम महसूस हिंदुस्तानी में करते हैं. हमने अंग्रेज़ी में सोचना सीख लिया है, पर हम महसूस हिंदुस्तानी में करते हैं.
सर पर फैलाई थी रंगीन छतरी, जिसके अनगिनत, छिद्रों में झांक सर पर फैलाई थी रंगीन छतरी, जिसके अनगिनत, छिद्र...
गुलामी की बेड़ियों को हमने कई वर्षों तक सहा है, क्या होती गुलामी लंबे समय तक महसूस किय गुलामी की बेड़ियों को हमने कई वर्षों तक सहा है, क्या होती गुलामी लंबे समय तक ...
ज़िंदगी कब सरल थी हुई, कब मैं इतनी विरल थी हुई ज़िंदगी कब सरल थी हुई, कब मैं इतनी विरल थी हुई
आज्ञा पाकर शिव शंकर से सती पिता के घर तो आ गई। किंतु पिता के मुख से पति का अपमान सती स आज्ञा पाकर शिव शंकर से सती पिता के घर तो आ गई। किंतु पिता के मुख से पति का अप...
जीवन के बाद शायद परीक्षाओं का अंत हो, हर मौसम लगे जैसे बसंत हो। जीवन के बाद शायद परीक्षाओं का अंत हो, हर मौसम लगे जैसे बसंत हो।
गीत लिखूंगा मैं गांऊंगा मैं ऊंचे स्वरों में भारत देश की महिमा। गीत लिखूंगा मैं गांऊंगा मैं ऊंचे स्वरों में भारत देश की महिमा।
गिली मिट्टी की खुशबू भी इस धरा से आती है अपने बच्चों को खुश देखकर भारत माता मुस्काती है गिली मिट्टी की खुशबू भी इस धरा से आती है अपने बच्चों को खुश देखकर भारत माता मुस...
जो बाल्यकाल में भ्राता को विष देने का साहस करता, कि लाक्षागृह में धर्म राज जल जाएं जो बाल्यकाल में भ्राता को विष देने का साहस करता, कि लाक्षागृह में धर्म राज जल...
सृष्टि के संचालन में अहम् भूमिका है, एक पिता का होना ----------- सृष्टि के संचालन में अहम् भूमिका है, एक पिता का होना -----------
जब मैं बोल भी नहीं पाता था.. सिर्फ़ मेरे इशारों से मैंने उन्हें हर ख्वाहिश पूरा करते दे जब मैं बोल भी नहीं पाता था.. सिर्फ़ मेरे इशारों से मैंने उन्हें हर ख्वाहिश पूर...
है पूजा मैथिली ने और सुमन से सजाया, है हिन्दी के भवन में, दुर्गा तेरा उजाला। है पूजा मैथिली ने और सुमन से सजाया, है हिन्दी के भवन में, दुर्गा तेरा उजाला।