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MIRZA ZEESHAN JAMEEL BEG

Romance

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MIRZA ZEESHAN JAMEEL BEG

Romance

दर्द का एहसास

दर्द का एहसास

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दर्द देख लेती हैं आंखें मेरी

तेरी 'मुस्कान' के पीछे

तेरी ख़ामोशी ही काफी है

बारिश के इमकान के पीछे

जो गर हो तू साथ मेरे

तो हर रास्ता है आसान मेरा

भले न हो कोई मंज़िल

राह-ए-वीरान के पीछे

कभी मेरे समझाऐ समझता ही नही दिल मेरा

ये होती हो तुम ही

हसरत-ए-दिल-ए-नादान के पीछे

आरज़ू नही कुछ अब बस

आरज़ू है इतनी सी ही

जुड़ जाऐ मेरा नाम

बस तेरी पहचान के पीछे

चलती रहे साथ मेरे इक साये के मानिन्द

हर मोड़ पर रहे तेरा हाथ

हमेशा ही दस्त-ए-ज़ीशान के पीछे


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