I'm MIRZA ZEESHAN JAMEEL and I love to read StoryMirror contents.
भले न हो कोई मंज़िल राह-ए-वीरान के पीछे कभी मेरे समझाऐ समझता ही नही दिल मेरा भले न हो कोई मंज़िल राह-ए-वीरान के पीछे कभी मेरे समझाऐ समझता ही नही दिल ...
जब आ जाऐ हम पर कभी कोई ग़म जब हममें ही न रह पाऐ फिर हम चेहरे पर हो हसीं और दिल में हो मातम ... जब आ जाऐ हम पर कभी कोई ग़म जब हममें ही न रह पाऐ फिर हम चेहरे पर हो हसीं ...