दोस्ती निभाने का वादा
दोस्ती निभाने का वादा
वादा किया था हमने
हमारी दोस्ती को उम्र भर निभाएगे
ना कोई रस्म न कोई कसम खाएंगे
फिर भी तेरे कदम से कदम मिलाकर चलते जाएंगे
क्या आपको साथ हमारा मंजूर है हमें ये एहसास दिलाएंगे
हम तन से साथ रहे ना रहे मन से साथ निभाएंगे
एक दूसरे की भावनाओं का करेंगे पूरा सम्मान
एक दूसरे को अपने विचारों से नहीं कभी बांधेंगे देगे पूरा मान
इतने से भी है संतुष्ट नज़रों से दिल में उतर जाएंगे
तेरे दिन रात सुबह शाम में हमी हम छा जाएंगे
तेरी जान बन तेरी रूह में समा जाएंगे
तेरी रोम रोम में बस जाएंगे।