दोहे
दोहे
11. वेदारंभ संस्कार
विद्यार्थी जिस आयु में, अर्जित करता ज्ञान।
वेदारंभ कहें उसे, शिक्षा में हो ध्यान।।
12. केशांत संस्कार
अर्थ यही केशांत का, काटें नर के केश।
गुरु की देन उपाधि है, गुरु पर ब्रह्म महेश।।
13. संवर्तन संस्कार
मर्यादा पालन करे, दैवी हो हर पुत्र।
संवर्तन संस्कार का, मात्र यही है सूत्र।।
14. विवाह संस्कार
शादी के संस्कार में, सुत का करो विवाह।
सही समय निर्णय सही, करता प्रेम अथाह।।
15. अंत्येष्टि संस्कार
अंत्येष्टि सही सत्य है, मानव का हो अंत।
हिस्सा सब संस्कार का, सन्यासी या संत।।
16. सगाई
शादी से पहले सदा, यही प्रथा है मित्र।
पूर्व सगाई का मलो, अपने तन पर इत्र।।
17. विवाह पत्रिका
शादी पर इक पत्रिका,छपवाएँ सब लोग।
तिथि समय और वार सब, लिखें निमंत्रण भोग।।
18. बान
बान रस्म में लें लगा, पीली हल्दी हाथ।
लें दोनों ऐसा वचन, कभी न छोड़े साथ।।
19. लगन
पाणि ग्रहण संस्कार फिर, इसी समय संपन्न।
पूर्व लगन लेते सभी, बाद ग्रहण हो अन्न।।
20.वर वरण
वर का कर पूजन प्रथम, पूजें सारे देव।
बाद में वर वरण तिलक,हो संबंधी टेव।।