दोहे
दोहे
*21. मासिक शिवरात्रि*
व्रत मासिक शिवरात्रि का, रखना साथी नित्य।
शंकर की होगी कृपा, फल मिलते आदित्य।।
*22. आषाढ़ अमावस्या*
पितरों की पूजा करो, अपने हिय को खोल ।
अमावस्या अषाढ़ की, देगी सुख अनमोल।।
*23. गुरु पूर्णिमा*
जन्म जयंती व्यास की, होती इक त्यौहार।
गुरु पूर्णिमा करे सभी, गुरुओं का आभार।।
*24. सावन सोमवार*
सोमवार सावन भला, बढ़ जाए सम्मान।
बेलपत्र थाली सजा, कर शंकर का ध्यान।।
*25. सावन शिवरात्रि*
हो पूर्ण मनोकामना, थाली पकड़ो हाथ।
सावन की शिवरात्रि में, फल दें भोले नाथ।।
*26. सावन प्रदोष व्रत*
करो सावन प्रदोष व्रत, मिट जाएंँगे दोष।
शिव शंकर की ओट से, भर जाएंँगे कोष।।
*27. मंगला गौरी व्रत*
व्रत है गौरी मंगला, बहुत सुखी फलदायु।
सदा सुहागिन ही रखें, पति होवे दीर्घायु।।
*28. हरियाली अमावस्या*
श्रावन में आए सदा, मौंस वही है ठीक।
सुख सुविधा फल दायिनी, हरी शोभा प्रतीक।।
*29. नाग पंचमी*
आभूषण गल नाग का, देवों के हैं देव।
मनाएँ नाग पंचमी, यह व्रत है सुखमेव।।
*30.पुत्रदा एकादशी*
मन में रख एकाग्रता,बने सदैव सहिष्णु।
व्रत सुतदा एकादशी, मना लीजिए विष्णु।।
