Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Meena Mallavarapu

Inspirational

4  

Meena Mallavarapu

Inspirational

दख़लंदाज़ी

दख़लंदाज़ी

1 min
405


दख़लंदाज़ी कर जाती है जब हदें पार

तब रह नहीं जाता ख़ुद पर इख़्तियार


किसने दिया किसी को यह अधिकार

कि कर दे मेरे वजूद को यूं तार तार


  रहे न मेरी ही सोच पर हक़ मेरा

 हर ख़याल का दायरा औरों ने घेरा


  मेरी इच्छाशक्ति पर जमा कर डेरा

 बैठी यह दुनिया, कुछ भी नहीं मेरा


 अजब ज़िंदगी , अजब इसके तोल मोल

 गठरी अजब,उस में तोहफ़े ढेरों अनमोल


 मगर मैं ख़ुद कब पाई वह गठरी खोल

 औरों ने मेरे नाम शुरू कर दिया तोल मोल


मैंने चाहा मैं ख़ुद करूं अपनी ज़िंदगी से सौदा

ख़ुद परखूं , ख़ुद बनाऊं अपना छोटा सा घरौंदा


मगर सब ने सुनाया, समझाया,धमकाया रौंदा

रिश्तों का करवाया हर कदम पर मुझसे सौदा


मन मसोस कर रह गई, यह कैसा है मायाजाल

मैं ही मकड़ी, मैं ही जाल- कुछ मेरा कमाल


कुछ ज़िंदगी की दख़लंदाज़ियों का कमाल

स्पंदन है जब तक , है तब तक यह मायाजाल


कहा ज़िंदगी ने, माना दख़लंदाज़ी करती बेजार

मगर हो न यूं मायूस -इस दख़लंदाज़ी में भी प्यार


समझने की है देर, न कर ज़िंदगी का तिरस्कार

दख़लंदाज़ी वहीं, जहां प्यार बेहिसाब,बेशुमार ।


 है बात पते की सोच ज़रा, संतुलन बनाए रखना

 है उसी में इस जीवन का सार

साथ का न कर तिरस्कार, उसका भी मान है करना!



Rate this content
Log in