शरद ऋतु ने अपना रंग बिखेरा,
दिवाली की रौशनी ने घर को घेरा |
खुशियों के त्योहार पर सब से मिलने का वक्त आया ,
दीपों की रोशनी ने हम सबके मन को खूब हर्षाया |
दिवाली की दस्तक पर हर दिल खुश हो जाता है ,
मिठाई और प्रेम से सबका मन खिल जाता है |
परंपराओं के मेले और धर्म की भावनायें जब आतीं ,
कहानियों का संगम तब अपने संग सबको जोड़ जातीं |
जीवन की रौशनी और सपनों की उड़ान से ,
दिवाली की मिठास भरती हर दिल को शान से |
जगमगाते दीपों में छुपी खुशी की रोशनी अपार ,
इस त्योहार में बसी है मिठास की कहानी बारम्बार |
पटाखों के शोर से वातावरण में सुन्दरता आई ,
रंग-बिरंगे कपड़े पहन हर मनुष्य में खुशी समाई |
इस दिवाली को अपने दिल में बसाकर गीत नये - नये गाना ,
सब पर प्रेम और खुशियाँ लुटा कर इस जग को सुन्दर बनाना |
जीवन को रोशनी से भरकर नये पथ पर कदम बढ़ाना ,
खुशियों के इस पर्व में जोश , उमंग को खूब दर्शाना ||