STORYMIRROR

Kumar Naveen

Abstract

3  

Kumar Naveen

Abstract

दिवाली का दीपक

दिवाली का दीपक

1 min
414

झिलमिल दीपों की बगिया में,

एक छोटा सा रैन बसेरा हो ।

जगमग हो, हर पल घर-आँगन,

खुशियों से भरा सवेरा हो ।।


आप हँसें जीवन में हर पल,

बस यही दुआ हम करते हैं ।

इस वर्ष दिवाली का दीपक,

सप्रेम समर्पित करते हैं ।।


माँ लक्ष्मी की हो असीम कृपा,

धन से सिंचित भूभाग रहे ।

हों शुभ फलदायक गणपति की,

हर कदम सदा आशीष रहे ।।


सुख-समृद्धि की वर्षा हो,

बस यही कामना करते हैं ।

इस वर्ष दिवाली का दीपक,

सप्रेम समर्पित करते हैं ।।


कुबेर सदा प्रतिपालक हो,

कुछ ऐसा घर-भंडार रहे ।

हो रिद्धि-सिद्धि की स्नेह सदा,

जीवन जगमग गुलज़ार रहे ।।


कदम-कदम पर खुशियाँ हो,

बस यही प्रार्थना करते हैं ।

इस वर्ष दिवाली का दीपक,

सप्रेम समर्पित करते हैं ।।


हम दूर सही, पर दिल में हैं,

ये छंद मेरा नि:स्वार्थ कहे ।

इस मधुर पर्व की बेला में,

जगमग सारा संसार रहे ।।


ग़म की नामोनिशां ना हो,

बस यही दुआ हम करते हैं।

इस वर्ष दिवाली का दीपक,

सप्रेम समर्पित करते हैं ।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract