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Amrita Singh

Romance

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Amrita Singh

Romance

दिलों की दास्तान

दिलों की दास्तान

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सुन रही हूँ दिलों की दास्तान, 

कुछ कही सी, कुछ अनकही सी, 

बेज़ुबान नज़रों से, 

कुछ कहा हो जैसे तूने, 

मेरी नज़रों से.... 


पर ना जाने कैसी हुई खता मुझसे, 

दिल बेज़ुबान ये, 

कुछ कह ना सका तुझ से !

 

अल्फाज़ ये सिमट गए है, 

होठों पर...


चाहतों ने ली हो करवटें जैसे, 

सुना रही हो जैसे ये चाहतों, 

की दास्तान...


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