दीर्घ संघर्ष की पावना
दीर्घ संघर्ष की पावना
जब बुझ जायेगी जीतने की प्यास,
अगर मृग तृष्णा के किसी मुहाने पर !
तब जाकर अंततः शेष हो जाएगी,
दीर्घ संघर्ष के पावना की अकुलाहट !
चाहे कोई भी विकट कठिनाई आए,
अपने आदि सत्य का रास्ता ना बदल !
सफलता तेरे कदम ज़रूर चूमेगी,
किसी परिस्थिति में तू ना हो विकल !
दुःख व तकलीफ से जब भी कभी,
किंचित भी कहीं तुम्हारा जी घबराए !
अपने मन की समस्त शक्ति बटोरकर,
दिव्य दीप्ती से जीवन पथ आलोकित कर !