धुन्ध में खोए हम!
धुन्ध में खोए हम!
दोस्ती तो धुन्ध में खोए, खड़े,
उन कदमों की तरह है,
जो धुन्ध होने पर धुँधलाने सी लगने लगती है,
पर उस धुन्ध के धुन्ध में भी,
बस एक आवाज़ देने की देरी है!!
दोस्ती तो धुन्ध में खोए, खड़े,
उन कदमों की तरह है,
जो धुन्ध होने पर धुँधलाने सी लगने लगती है,
पर उस धुन्ध के धुन्ध में भी,
बस एक आवाज़ देने की देरी है!!