STORYMIRROR

अच्युतं केशवं

Abstract

3  

अच्युतं केशवं

Abstract

धरती की आँखों में

धरती की आँखों में

1 min
209

लोलीपॉप लिए धूप,

ड्योढ़ी पर बैठी

हाऊ चॉकलेटी

वाऊ चॉकलेटी।


रात फिर चकोरी ने,

चंदा को टेरा

किन्तु वह लगाता था

धरती का फेरा।


धरती की आँखों में

सूरज के सपने।

यह जानते हुए भी,

प्यार किया हमने।


मैं धरा का बेटा,

वो अम्बर की बेटी।

हाऊ चॉकलेटी

वाऊ चॉकलेटी।


बौराने आम बहे,

खुशबू के झरने

कमलों से भ्रमर लगे,

छेड़छाड़ करने।


खिलखिलाती झुण्ड में,

रौनकें बाग़ की

तितलियों से भर गईं,

गलियाँ गुलाब की।


मखमली गलीचे पर,

सरसों है लेटी

हाऊ चॉकलेटी

वाऊ चॉकलेटी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract