Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Aashish Nagar

Abstract Drama

2  

Aashish Nagar

Abstract Drama

देवी माँ काव्य

देवी माँ काव्य

1 min
7.4K


माँ है जगत जननी महामाया

जिनकी महिमा कोई जान न पाया

जब वो प्रसन्न होती है

सब कि मुरादें पूरी करती है।


उन्हें जिसने भी ध्याया

परम पद और मोक्ष पाया

इस धरा में है उनका वास

हर स्त्री में है उनका वास।


पूरा जगत है उनकी माया

जिसे हर एक ने अद्भुत पाया

दुर्गा, काली, लक्ष्मी और सरस्वती

उनके रूपों को बतलाती ये धरती।


शक्तिपीठों में पाया माँ को

हर स्त्री में देखा माँ को

प्रकृति भी है माँ का स्वरुप

हर जननी है माँ का ही स्वरुप।


दुर्गा रूप में वो रक्षा करती

लक्ष्मी रूप में भंडार है भरती

सरस्वती है विद्या प्रदान करती

काली सारी कामनाएँ पूरी करती।


हर स्त्री के रूप में है वो विद्यमान

जो ममतामयी है महान

प्रभु ने लिया अवतार

स्त्री से उत्पन्न हुए परवरदिगार।


सिर्फ इसीलिए लिया अवतार

मिलेगा ममतामयी प्यार

कृष्णा और राम अवतार

पा गए प्यार का अतुलित भंडार।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract