राम काव्य
राम काव्य
राम नाम की धुन है,
राम से बढ़कर कोई नहीं है।
रटता रहता हूँ राम नाम,
अन्य कोई नहीं करता काम।
इसे न समझना मेरी नाकामी,
मुझ में ये नहीं है खामी।
बस इसलिए नहीं करता कोई काम,
राम पुरे कर देते हैं हर काम।
जब पुरे हो जाएंगे जप मेरे,
ले लूंगा राम भक्ति के सात फेरे।
राम को बना के अपना,
मैं पूरा करूंगा हर एक का सपना।
जाऊँगा मैं रामेश्वरम,
देखूंगा राम और शिव का संगम।
जाऊँगा मैं अयोध्या,
देखूंगा प्रभु राम और माता सिया।
जब जब होगी परेशानी,
तब तब सुनूंगा राम कहानी।
रामचरितमानस है श्रेष्ठ।
हनुमान की सेवाभक्ति सर्वश्रेष्ठ।
हनुमान से नाता जोड़ो,
राम से नाता जोड़ो,
हनुमान राम से मिलवाएंगे,
राम भक्ति का दीपक जलाएंगे।
श्रद्धा से राम नाम जो जपेगा,
भवसागर से वो तरेगा।
वैकुण्ठ धाम पा जाएगा,
राम के चरणों में स्थान पा जाएगा।