"देशप्रेम"
"देशप्रेम"
लच्छेदार भाषण देकर,
देशभक्ति नहीं कहलाती।
ये तो क्षणिक वैराग्य हुआ,
चौड़ी करना पड़ती छाती।
जब तक मन में जज्बा न हो,
देश सेवा क्या कर पाओगे।
अपना तन-मन बलिदान करो,
तभी वीर कहलाओगे।
सरहदों पे जो डटे हुए है,
उनसे देशभक्ति सीखो।
सुनकर बंदूकों की, घन घन,
मत घबराओ, तुम मत चीखो।।
