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Mazid Khan

Inspirational

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Mazid Khan

Inspirational

देश के नौजवान

देश के नौजवान

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हृदय मे एकता का मूल मंत्र लिए

आगे बढ़ चल देश के नौजवान

क्रंदन कर रही है मानवता

भ्रष्टाचार के जाल में

तड़प रही जनता

रिश्वत खोरी की मार से।


जल रहा है देश

क्षुधा की भयंकर आग में

वसुंधरा है आज प्लावित

कुचक्र-काल से।


जाग जा, वरना पछताएगा

तेरी आंखो के आगे

तेरा यह देश

नीलाम हो जाएगा।


जाग जा वरना

प्रलयकारी विनाश होएगा।

समझ ले इन समाज विरोधी

विध्वंसकारियों की चाल को

तोड़ दे इनके विकराल

विनाशकारी जाल को।


संभाल जा, बहक मत तू

तू संभला कि वतन संभल जाएगा

तू बहका कि वतन बहक जाएगा

देश को प्रदीप्त कर निखार दे

कर तू कुछ ऐसा कार्य महान

कि फिर न हो कभी

यह भूमि दंगों से लाल।


गरीब, असहायों के

दूर हो फटे-हाल

हे, वीर सुभाष, भगत,

आजादी के वंशज

मैं करता हूँ तेरा आह्वान

हृदय मे एकता का मूल मंत्र लिए।


आगे बढ़ चल देश के नौजवान।


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