डर तेरे जाने का
डर तेरे जाने का


डर तेरे जाने का
राहो में बैठा अकेला
एक राह की तलाश में
असमान को देखता रहा
तेरे साथ के इंतज़ार में
साथ तेरे न सही पर
तेरे मुस्कान में डूबा रहा
कुछ न कहा,
कुछ न सुना
बस तेरी तस्वीर निहारता रहा
तेरे चेहरे की खुशी देखी
तो हल्का हल्का मुस्कुराने लगा
पर अगले ही पल सहम सा गया
जब तुझे अपने से दूर जाते देखने लगा।।