डियर डायरी 28/03/20
डियर डायरी 28/03/20
कर्फ्यू का चौथा दिन
कम्पलीट लाकडाऊन
बिल्कुल बाहर न झाँका
घर में भी बैठे न पास ।
कल रात सोने से पहले
कुछ देखे जागरूकता विडियो
ऐसा दिमाग था भन्नाया
नींद का न नामो निशान।
सारा दिन मन रहा अनमना
बस डैली घर काम निबटाए
महिला काव्यमंच की गोष्ठी
ऑनलाइन कविता सुनाए।
12 से 2 गोष्ठी का आनंद
कुछ मन का भाव बदला
कविताएँ सारी यह बताएँ
कैसे करोना को हराएँ।
बच्चों को यही दिया काम
जागरूकता का मैसज बनाओ
खुशी यही थी मुझको
पाँच विडियो बनकर आए।
आज की पीढ़ी है बहुत स्मार्ट
आशा से सुन्दर बच्चों ने काम किया
मैंने भी एफ बी पर शेयर कर
बच्चों को प्रोत्साहित किया।
बालकनी के फूलों में
जीवन की मुस्कुराहट देखी
खुरपी ले गुढाई करके
मन को परम तृप्ति मिली ।
मिल मिलाकर दिन
रहा करोना के नाम
वही चर्चाएँ,वही बातें
दिन बीता शाम के बाद।
अब थककर चूर हूँ
सोने बस जाना है
5बजे सुबह उठकर
दूध भी लाना है ।
धन्यवाद प्रशासन का
सब घर के नीचे मिल जाता
बस मुँह पर मास्क ,हाथ में गल्ब
मीटर की दूरी पर खड़े रहना।
बस अब कहती हूँ शुभरात्रि
कल का सूरज तेज निकले
वायरस कुछ मर भी जाए
हम थोड़ा सुकून पाएँ।
