चंद बाते
चंद बाते
चंद राहें निकलती रहीं।
चंद रातें निकलती रहीं।
चंद सिक्के कमाने थे।
चंद दिनों तक चलते रहे।
चंद उम्र कम होती रही।
चंद रिश्ते यही
चंद लम्हों में ज़िन्दगी फिसलती रही।
चंद सालों में सांसे निकलती रही।
चंद उम्र कम होती रही।
चंद शब्दों में यूं ही दिल छूती रही।
चंद घड़ियों मै खुद को आप के।
सामने अपने विचारों से आभार करती रही।
