STORYMIRROR

Bhawna Vishal

Inspirational

3  

Bhawna Vishal

Inspirational

चलो निभाए, परंपराएं

चलो निभाए, परंपराएं

1 min
273

बड़े काम के लोक विचार

हमें सिखाते शिष्टाचार

नेग रिवाज कदम कदम पे

ना होती स्वछंदता हावी हम पे


बड़ों का आदर छोटों से प्यार

हो विनम्र दयालु अपना व्यवहार

संस्कारों की डोर अनोखी

थाम के चलनी इन्हीं से सीखी


परिवारों को समीप लाते

ये रिवाज ही तो समाज बनाते

आओ निभाएं परंपराएं

संस्कृति सनातन आगे ले जाएं


इनसे जगमग है हर त्योहार

इनके बिन सूना है संसार

हां लेकिन इतना हम समझे

अंधी रीति में ना उलझे

सोचे समझे और करें विचार

फिर सभी निभाएं लोक व्यवहार ।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational