चलो हसने के लिये कोइ वजह ढ़ूँढ़ते हैं
चलो हसने के लिये कोइ वजह ढ़ूँढ़ते हैं
चलो हंसने के लिये कोइ वजह ढ़ूँढ़ते हैं
जिधर न कोइ हो गम वोह जगह ढ़ूँढ़ते हैं
ऊँची उड़ान उड़ लिए अब जमीन पर अपने लिए
और अपनो के लिए आसियाना ढ़ूँढ़ते हैं
कितने ज़िन्दगी मे आए और चले गए
एक नई ज़िन्दगी की सुरुआत करते हैं
कई दिन बिताए अंधेरो में
आओ आज एक नए दिन की सुरुआत करते हैं।
