छोड़ दो
छोड़ दो
बंद कर दो सोचना ,
बेकार कि बातों को ,
बेवजह के झंझटों को ,
पालना भी तुम छोड़ दो,।
खुशहाल हो जायेगी जिंदगी,
दूसरों के सुख देखना छोड़ दो,
अपने दुखो के पोटले को ,
सरेआम खोलना छोड़ दो,।
बंद कर दो दूसरों को ,
बेवजह की सलाह देना,
यहां हर कोई है हमसे कहीं,
होशियार बहुत ही ज्यादा ,।
जिंदगी का ये फलसफा भी ,
बहुत ही अजीब है ,
अपने अपने काम को छोड़ ,
दूसरों में कमी निकालना छोड़ दो,।