हां, मैं महिला हूं
हां, मैं महिला हूं
हां, मैं महिला हूं। कल-कल बहती
निर्मल जल की धारा सी,
बलखाती, इठलाती ठंडी बसंत बयार सी,
फूलों से लदी महकती उपवन की लता सी
शशि की शीतलता सी।
मैं रोज सींचती हूं।
अपने निश्छल प्रेम से,
सौम्य और स्निग्धता से,
बड़े जतन और तन्मयता से अपने घरौंदे को
उससे जुड़े तमाम रिश्ते को।
ना मुझे किसी से जीतने की होड़ ना हारने की फिक्र।
लिए दिल में इक छोटा सा अरमान
बस मिल जाए थोड़ा प्रेम इज्जत और सम्मान।
महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं