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Ratna Sahu

Inspirational

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Ratna Sahu

Inspirational

गृहिणी

गृहिणी

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बीत गया सोमवार से शुक्रवार तक

देखो आ गया फिर से वीकेंड

मगर ना हुआ एक गृहिणी के कामों का दी एंड।

झुंझला पड़ी, ये है मेरे गृहिणी होने का नतीजा।

लगी सोचने अब करूंगी मैं भी बाहर जाकर काम 

इसी तरह होगा घर के कामों से छुटकारा 

और मिलेगा वीकेंड पर आराम।

तभी बच्चे लिपट कर बोले सुनो ना मेरी प्यारी मम्मी

बना दो ना अपने हाथों से कुछ अच्छा सा यम्मी।

लगी फिर से सोचने अगर जाकर बाहर करूं मैं काज 

फिर ये खुशियां देखने को हो जाऊंगी मोहताज।

तभी अंतर्मन से आई एक आवाज

क्यों होती हो दुखी, क्यों खुद को कम आंकती हो?

अरे तुम घर की जड़ हो, है टिका तुम पर 

ये हरा भरा परिवार।

बात सिर्फ आराम करने की है तो 

निकालो कोई उपाय। वीक डेज ना सही

 वीकेंड्स पर करो मिलजुल कर सब काम 

ताकि मिले तुम्हें भी खुशियां और थोड़ा आराम।



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