चाहत..
चाहत..
चाहते तो हम भी बहोत थे,
कि आप हमारी जिंदगी मे आये,
मगर कुदरत का खेल तो देखो
उसने हमे ही भेज दिया
किसी और की जिंदगी में
शायद इसीलिए कहते है की,
प्यार उससे करो
जो तुमसे प्यार करता है,
ना की उससे
जिसे तुम प्यार करते हो..
चाहते तो हम भी बहोत थे
की आप हमारा
जिंदगी भर साथ दे,
मगर कुदरत का खेल तो देखो
उसने हमें ही भेज दिया
किसी और की जिंदगी सवारने के लिये
शायद इसीलिए कहते हैं
कि साथ उसका दो
जिसे आपके साथ की जरूरत है
ना कि उसका
जिसके जिंदगी में
आपकी कोई जरूरत नही..