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AKIB JAVED

Inspirational

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AKIB JAVED

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बुलंदी

बुलंदी

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छू लेना गर तुम कभी भी ज़िंदगी में बुलंदी को,

अपनों को ना भूल जाना पाकर तुम बुलंदी को,

कठिन-आसान सुख-दुःख हर मोड़ में साथ देते,

पग-पग में क्षण-क्षण याद रखो पाकर बुलंदी कोI


आशा नहीं विश्वास है हाथ में अपने, मैं पाऊँगा;

एक न एक दिन, कुछ न कुछ करके दिखाऊँगा,

बालक हूँ नादां हूँ मगर मेरे हाथों पे न जाओ यूँ,

लगन समर्पण मेहनत से बुलंदी को मैं पाऊँगाI


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