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Lokendra Jajra

Inspirational

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Lokendra Jajra

Inspirational

एकांत..!

एकांत..!

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दुनिया की चकाचौंध से परे

खुद को जानने का अवसर है

उलझे हुए मांझे को 

सुलझाने जैसा है 


फिर पतंग लहरान सा है

खुद को प्रकृति को सौंपिये

उपहार में मां सा प्यार मिलेगा

नन्हे से नन्हा जीव

जीने की राह दिखलाता है


ढलता सूरज भी संदेश दे जाता है

रात की गहरी शांति में

कण - कण को महसूस करने सा है

आत्ममंथन,  चिन्तन, स्मरण

एकांत खुद को जानने का अवसर है।


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