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Uma Pathak

Classics

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Uma Pathak

Classics

बुढ़ापा

बुढ़ापा

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हर किसी का बुढ़ापा

बेगाना होता है

पास में सब होते हैं

फिर भी हर कोई

अनजान होता है।


कोई नहीं होता पास में

फिर भी बैठते हैं आस में

एक दिन कोई आएगा

साथ हमें ले जाएगा।


ना कोई आता है

और ना साथ हमें ले जाता है

हमारी जिंदगी का हर लम्हा

यहीं ठहर जाता है।


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