बसंत पंचमी
बसंत पंचमी
हवा में उड़कर मीठी मीठी खुशबु आ गई,
कोयल की तान मन को भा गई,
चारों तरफ सरसों के पीले फूल लहलहा गए,
सूरज ने भी आंखें खोली,
चारों ओर उजाला छाया,
फूलों की महक हर तरफ फैली,
पूरी फिज़ा बसंती हो गयी,
माँ सरस्वती की पूजा हो रही,
धरती माँ ने पीली चादर ओढ़ ली,
सूरज की गर्मी से,
धुंध चारों ओर की छट गई,
हे माँ जैसे सूरज के आने से धुंध छट जाती है,
वैसे ही सबके जीवन में उजाला हो जाए,
बसंत पंचमी का ये शुभ दिन,
सबके जीवन को महका गया.।।
