बस यही मुझे लगता है
बस यही मुझे लगता है


तुमसे मिलना तो चाहता हूँ मगर
तुमसे मिलने से भी डर लगता है
खुशी तो होती है आपसे मिलने में
मगर मिल के बिछड़ने का डर लगता है
जब से मिली है नजरे तुम से सनम
यह जीवन एक सपना सा लगता है
जिसके नाम कर दी यह जिंदगी मैंने
पता नही मुझको की वो मेरा क्या लगता है
जब पास तुम होते हो हमदम मेरे
वक़्त भी रुका रुका सा लगता है
तेरे बिन अकेली सिसकती रातों में
हवा का झोंका भी तूफान सा लगता है
दुनिया में और खूबसूरती होगी ही नहीं
तुम्हे देख कर तो बस यही मुझे लगता है
जरा मेरे दिल की धड़कनों की दुआ सुन तो
तू ही मुझे अपनी मुहब्बत का खुदा लगता है