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Pranjali Kalbende

Inspirational

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Pranjali Kalbende

Inspirational

बस इतना है कहना...।

बस इतना है कहना...।

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प्रिय नारी तेरी गरिमा को

शब्दो में है बांधना आज

महिला दिनके उपलक्ष में

काव्य पुष्प बिखराने है आज...

ममता की मूरत सुंदर सी

घर आँगन को सँभाले है

प्यार और दुलार का स्पर्श

दिवारो के रंग खिलखिलाये है...

यह नारी है देवी स्वरूप

वरदान लुटाती है प्यार का,

कैसे करे तेरी पुजा अर्चना

सन्मान तुझे नही है भाता...

हरवक्त नजरो मे इंतजार

फिकर ढुंढती रहती है यहां वहां

संँजोना,सँभालना घरवालो को

बस यही पहला काम है तेरा....

सशक्त नारी है आज की

फिर भी आँखोमे नमी है बसती

दुख दर्द न देख पाये तू

मुसकुराहट बाँटना बस है जानती...

करता है दुँआ यह जमाना

खुश रहे तू भी ऐ..नारी

सपनो की उडान हो इतकी

खुद के लिये तू भी जिए

जीओ और जीने दो 

इस बात पर अमल तू करना

नारी, औरो के साथ साथ,

अपना खयाल भी तुम रखना

बस महिला दिन पर ,

इतना ही है कहना..इतना ही है कहना।



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