बागबान
बागबान
बागबान एक बगीचे का
फुलपौधोको है सिंचे
अद्भुत अदाकारी उसकी
पल पलको सहजतासे मिचे ....
मिट्टीभरी हाधोसेही वह
एहसास दिलाता थपकीका
गोदीमे झुलाये इसतरहा
प्यार दुलार जैसे सदीका....
रूठने मनानेका तो
सवालही कहा है उठता
हसते मुसकराते सदा
जींदगीका गीत है गाता....
यह बागबान है फूलों का
हर रूप में है खरा उतरता
आँधी,बारिश, तूफान में
छाँव बनके है बिखरता....
नाउम्मीद ना करो कभीभी
फूलों को है बस इतना कहना
आये जैसे भी मोड़ जिंदगी के
बागबान की तरह हिम्मत ना हारना....