Sudhir Srivastava
Children
बैठे हो मुंडेर पर क्यों?
पास नहीं आते हो क्यों?
दाँत दिखाते गुस्से में क्यों?
हमें डराते चख चख कर क्यों?
नीचे आओ बंदर जी
रोटी खाओ बंदर जी,
फिर तुमको अंगूर खिलाऊँ
तुमको अपना दोस्त बनाऊँ।
किनारा
धर्म ध्वजा लह...
दोहा मुक्तक
मृत्यु लोक रत...
फार्मूला
बारात आमंत्रण...
दोहा
समय को इज़्ज़...
भाड़ में जाओ
अब चलना है लड़खड़ाते कदमों से इन थरथराते झुर्रियों से भरे हाथों से अब भी थामे रखना। अब चलना है लड़खड़ाते कदमों से इन थरथराते झुर्रियों से भरे हाथों से अब भी थामे ...
मन की सच्चाई ही सपनों पर, सच्ची जीत हमें दिलाएगी। मन की सच्चाई ही सपनों पर, सच्ची जीत हमें दिलाएगी।
बुरा न मानो है होली का त्यौहार। आया रंगों का बहार।। बुरा न मानो है होली का त्यौहार। आया रंगों का बहार।।
दोस्त मिल जाएंगे आपको भी शिवम के जैसे, बस खुद को सत्यम, सुंदरम बना लिया कीजिये। दोस्त मिल जाएंगे आपको भी शिवम के जैसे, बस खुद को सत्यम, सुंदरम बना लिया कीजि...
फिर मिल गये सब उसे और वो सभी की हुई। फिर मिल गये सब उसे और वो सभी की हुई।
लो बात गयी, लो रात गयी फिर सबेरे लाल चुनरी छा गयी। लो बात गयी, लो रात गयी फिर सबेरे लाल चुनरी छा गयी।
जिम्मेदारी के चक्कर में हम कहीं खो गए। क्यों हम इतनी जल्दी बड़े हो गए। जिम्मेदारी के चक्कर में हम कहीं खो गए। क्यों हम इतनी जल्दी बड़े हो गए।
बस इतना ही मैं तुमसे प्यार करती हूं तुम्हें जान कर अपना अपने घर पर बुलाती हूं।। बस इतना ही मैं तुमसे प्यार करती हूं तुम्हें जान कर अपना अपने घर पर बुला...
वो भी दोहरायगे मेरा वो बचपन अपने बच्चों को सुनाएँगे ऐसा सुंदर था मेरा बचपन। वो भी दोहरायगे मेरा वो बचपन अपने बच्चों को सुनाएँगे ऐसा सुंदर था मेरा बचपन।
रास्ता हो या गली मोहल्ला साफ रखना है जिम्मेदारी! रास्ता हो या गली मोहल्ला साफ रखना है जिम्मेदारी!
ये मेरा प्रेम है जज़्बात हैं दुआएं हैं तेरे गालों पे हमने रंग जो लगाए हैं।। ये मेरा प्रेम है जज़्बात हैं दुआएं हैं तेरे गालों पे हमने रंग जो लगाए हैं।।
लकड़ी से उसे मार भगाये फिर कभी ना वो बंदर आया जान बचाकर जिन्दगी पाया। लकड़ी से उसे मार भगाये फिर कभी ना वो बंदर आया जान बचाकर जिन्दगी पाया।
मौहे ले चल हो अपने संग कान्हा होरी मैं...... मैंरो खो गयो बाजूबन्द मौहे ले चल हो अपने संग कान्हा होरी मैं...... मैंरो खो गयो बाजूबन्द
नाचगान के बाद सभी ने मिलकर गुझिया खाई है। जंगल में होली आई है।। नाचगान के बाद सभी ने मिलकर गुझिया खाई है। जंगल में होली आई है।।
अपने वजूद को बिना खोए सबमें मिलकर मुझे रहना है ! अपने वजूद को बिना खोए सबमें मिलकर मुझे रहना है !
मैंने मेरी माँ में हीं, रब को है पाया, मेरी माँ, प्यारी माँ, भोली मेरी माँ।। मैंने मेरी माँ में हीं, रब को है पाया, मेरी माँ, प्यारी माँ, भोली मेरी माँ...
दौड के खरगोश आया Apple फोन लाया। दौड के खरगोश आया Apple फोन लाया।
और समाज में होगा नयी सोच और भाई चारे का उमंग तभी होगा असली होलिका दहन। और समाज में होगा नयी सोच और भाई चारे का उमंग तभी होगा असली होलिका दहन।
आज तो अपने दोस्त को पूरा का पूरा रंगना है, आज भी याद आती है वो बचपन की होली ! आज तो अपने दोस्त को पूरा का पूरा रंगना है, आज भी याद आती है वो बचपन की होली ...
वो बचपन की यादें बचपन के पल महसूस न होते। वो बचपन की यादें बचपन के पल महसूस न होते।