STORYMIRROR

हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Romance Fantasy

3  

हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Romance Fantasy

बंद दरवाजा

बंद दरवाजा

1 min
212

आंखों की खिड़की से दिल के बंद दरवाजे तक 

मुहब्बत का यह सफर कुछ ऐसा सुहाना हुआ 

इश्क की मधुर गूंज नस नस में सुनाई देने लगी 

प्यार में ये मन दीवाना, परवाना, मस्ताना हुआ 

आंखों में सजी है एक बहुत खूबसूरत सी तस्वीर 

उसके सामने ये बेरंग जमाना बड़ा बेगाना हुआ 

लहू बन के दौड़ रहा है इश्क दिल की धड़कन में 

बच्चे बच्चे की जुबां पे मशहूर ये अफसाना हुआ 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance