बिरादर
बिरादर
जब मजहब इंसानियत से बडा हो जाता है
बिरादर वाले पठानों की जुबान का यकीन कौन करेगा
जब यारों के यार कहने वालों को दौलत का खुमार होने लगे
काबुलीवाले को पठान चाचा कौन कहेगा
जब ईमान पर सल्तनत हावी होने लगे
पठानों की बहादुरी को किसको गुमान होगा।