बिन माँगे मोती मिले
बिन माँगे मोती मिले
बिन माँगे मोती मिलें,
माँगे मिले न भीख।
निरंतर करती प्रयास चींटी,
उस से लें कुछ सीख।
पंथी तेरा है दूर आवास
मिट जाए चाहे तेरा श्वास
छोड़ना न तुम अपना प्रयास
बार बार तुम होंगे हताश
परंतु कभी न होना निराश।
दृढ़ इरादें, शिखर सोच
हृदय में विश्वास भरा
मंथन के पश्चात् ही
हाथ में अमृत धरा।
जीत की अभिलाषा
जगा दे मन में
रण के धावक दौड़ा दे
तन में स्वर तीव्र पहुँचा दे जन में।
ज़हर का जादू दिखा दे फन में
बादशाह सिंह कहलवा दे वन में।।
