बिहारी पूत - सुशांत सिंह राजपूत
बिहारी पूत - सुशांत सिंह राजपूत
आओ तुम्हें एक किस्सा बताती हूँ
राजा कैसा था ये समझाती हूँ
बिहार के एक छोटे शहर का लड़का
जहाँ था साधनो का कड़का
उसके अंदर सपनो का ज्वाला भड़का
करने वो अपने सपनो को पूरा
वो चला अकेला और अधूरा
माना दिल से था वो बच्चा
पर इंसान था नेक और सच्चा
माँ की कमी उससे जब भी महसूस होती
उसकी बहने उसके पास होती
दिमाग था उसका सपनो से भरे
हर दिन सोचता आज क्या नया करे
लगाने वो अपने सपनो की उड़ान
देखता वो रोज खुला आसमान
फिर एक मनहूस रात आयी
जिसने छीन लिया बाप से बेटा और बहनो से भाई
जब पूरी दुनिया रो रही था
वो बेखबर चैन से सो रहा था
फिर उसके अपनों ने आवाज़ उठाई
सबने बोला ऐसा नहीं कर सकता हमारा सुशांत भाई
उसके न्याय की जंग आज भी जारी है
जीत की हमने की पूरी तयारी है
ये थी हमारे राजा की कहानी
थोड़ी बताई है थोड़ी और है बतानी !
