भवानी का विजयघोष
भवानी का विजयघोष
आदिशक्ति दुर्गा माँ जगदम्बे ,
असुरमर्दिनी माता हे शरण्या,
भवानी,तेरी कृपा से नारीशक्ति के ,
विजयघोष का अब समय है आया !
तेरी महिमा का मैं करूँ बखान क्या ,
तुझसे बढ़कर शक्ति का आह्वान क्या !
मैया अपने भक्तों पर कृपा बरसा दो ,
रहे ना भेद कि राजा क्या और रंक क्या !
नवरातों में दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है ,
माँ अपने मायके आती है साल में एक बार यहां