भूगर्भ जल कोश उदास
भूगर्भ जल कोश उदास
भूगर्भ जल कोश उदास
सृष्टि की फूल रही सांस
बाज रही खतरे की घंटी
जिसे सदानिरा गंगा
स्नेह दुलार देती रही
वरुणा जिसकी अंगनाई
करती रही हो तर
भूगर्भ जल कोश उदास
सृष्टि की फूल रही सांस
बाज रही खतरे की घंटी
उस शिव नगरी
भूगर्भ जल स्तर
पाताल की ओर
भूगर्भ जल कोश उदास
सृष्टि की फूल रही सांस
बाज रही खतरे की घंटी
भूगर्भ जल कोश उदास
सृष्टि की फूल रही सांस
बाज रही खतरे की घंटी
धरती हमारे अस्तित्व
महत्वपूर्ण तत्व जल
पिघले ग्लेशियर गंभीर
संकेत देरहा संकट गहरा
जल संकट स्तिथि गंभीर
भूगर्भ जल कोश उदास
सृष्टि की फूल रही सांस
बाज रही खतरे की घंटी
आज काशी कल दिल्ली
मुंबई भी अछूता नहीं
भूगर्भ जल कोश उदास
सृष्टि की फूल रही सांस
बाज रही खतरे की घंटी
ऐसा ना हो देर हो जाए
अभी से बारिश की बूंदों
करनी होगी संगरक्षित
भूगर्भ जल कोश उदास
सृष्टि की फूल रही सांस
बाज रही खतरे की घंटी
सारे नदी पोखर तालाब
जलाशय कुओं की सफाई
तभी बारिश की बूंदे रह पाएगी
भूगर्भ जल कोश उदास
सृष्टि की फूल रही सांस
बाज रही खतरे की घंटी
हर गली हर मुहल्ले
हैंडपंप मुफ्त देनेवाली
पीने का पानी आज
पचास साल के अंदर
बना एक व्यवसाय
भूगर्भ जल कोश उदास
सृष्टि की फूल रही सांस
बाज रही खतरे की घंटी
गरमी की आहट
साथ ही सुख रही
कुडम में जल स्तर
भूजल संरक्षण ही
सुधरेगा कल आज
जीवन सतत स्तर
जल ही जीवन
भूगर्भ जल कोश उदास
सृष्टि की फूल रही सांस
बाज रही खतरे की घंटी।
